Tax Audit: हर साल टैक्स सीज़न आते ही कारोबारियों, प्रोफेशनल्स और टैक्सपेयर के बीच एक अलग ही भागदौड़ शुरू हो जाती है। समय पर रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट भरना कई लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। इस बार राहत की खबर आई है आयकर विभाग (Income Tax Department) ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है।
नई डेडलाइन अब 31 अक्टूबर तक

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2024-25 की Tax Audit रिपोर्ट जमा करने की समय सीमा 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी गई है।
इस फैसले से लाखों टैक्सपेयर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और बिजनेस प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि समय की कमी और तकनीकी दिक्कतों के चलते काफी लोग रिपोर्ट समय पर सबमिट नहीं कर पा रहे थे।
क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन
CBDT ने बताया कि उसे कई प्रोफेशनल एसोसिएशन्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट बॉडीज़ से अनुरोध मिले थे। इनका कहना था कि रिपोर्ट तैयार करने और जमा करने में प्रैक्टिकल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- तकनीकी दिक्कतें
- दस्तावेज़ों की उपलब्धता में देरी
- करदाताओं और प्रैक्टिशनर्स पर अतिरिक्त दबाव
इन सब कारणों को ध्यान में रखते हुए ही यह निर्णय लिया गया।
किन लोगों को मिलेगी राहत
यह डेडलाइन एक्सटेंशन उन सभी टैक्सपेयर्स के लिए है जिन्हें आयकर अधिनियम (Income Tax Act) के तहत Tax Auditकरवाना जरूरी है। इनमें शामिल हैं:
- बड़े व्यापारी और कारोबारी
- कंपनियाँ
- प्रोफेशनल्स जिनकी आय निश्चित सीमा से अधिक है
इन सभी को अब रिपोर्ट फाइनल करने और जमा करने के लिए एक अतिरिक्त महीना मिल गया है।
Tax Audit रिपोर्ट क्यों ज़रूरी है
Tax Audit रिपोर्ट सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है। यह सरकार और टैक्सपेयर दोनों के लिए बेहद अहम है।
- इससे सरकार को टैक्स कंप्लायंस की सही जानकारी मिलती है।
- टैक्सपेयर के लिए यह ट्रांसपेरेंसी और ईमानदारी का सबूत है।
- भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में यह कानूनी सुरक्षा भी प्रदान करती है।
डिजिटल फाइलिंग में चुनौतियाँ
हालांकि सरकार ने ई-फाइलिंग को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन फिर भी कई बार वेबसाइट स्लो होने, लॉगिन एरर और डॉक्यूमेंट अपलोड की दिक्कतें सामने आती रहती हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि एक ही समय में लाखों लोग रिपोर्ट सबमिट करते हैं, जिससे पोर्टल पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसे में डेडलाइन बढ़ने से उन्हें काम व्यवस्थित करने का मौका मिलेगा।
टैक्सपेयर्स के लिए फायदा
इस एक्सटेंशन से टैक्सपेयर्स को दो बड़े फायदे होंगे:
- बेहतर तैयारी का समय – डॉक्यूमेंट्स और अकाउंटिंग रिकॉर्ड्स को आराम से चेक और अपडेट किया जा सकेगा।
- कम तनाव – आखिरी वक्त की हड़बड़ी और तकनीकी परेशानी से बचा जा सकेगा।
अब क्या करना चाहिए

अगर आप भी टैक्स ऑडिट के दायरे में आते हैं, तो इस समय का सही इस्तेमाल करें।
- अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट से तुरंत संपर्क करें।
- सभी जरूरी दस्तावेज़ समय रहते तैयार रखें।
- आखिरी वक्त तक इंतज़ार न करें, ताकि पोर्टल की टेक्निकल समस्या से बच सकें।
आयकर विभाग का यह कदम टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स दोनों के लिए राहत भरा है। अब आपके पास 31 अक्टूबर 2025 तक का समय है अपनी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सबमिट करने का। बेहतर होगा कि इस समय का उपयोग आप अपने रिकॉर्ड्स को और सटीक बनाने में करें, ताकि फाइलिंग की प्रक्रिया आसान हो और भविष्य में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल सिर्फ सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी ऑफिशियल घोषणाओं और पब्लिक सोर्सेज पर आधारित है। किसी भी अंतिम निर्णय या टैक्स संबंधित कार्रवाई से पहले अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें।
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